Shree Maulasar Balaji Mandir

श्री मौलासर बालाजी मंदिर में आपका स्वागत है

एक प्राचीन और सिद्ध तीर्थस्थल

मंदिर का इतिहास और महत्व

राजस्थान के डीडवाना-कुचामन जिले में मौलासर गांव में स्थित भगवान हनुमान का एक प्राचीन और सिद्ध तीर्थस्थल है। यह मंदिर अपनी स्वयंभू दक्षिणमुखी हनुमान विग्रह के लिए प्रसिद्ध है, जो 1200 वर्ष से भी अधिक पुरानी मानी जाती है।

१. स्थान

यह मंदिर मौलासर गांव, डीडवाना-कुचामन जिला, राजस्थान में स्थित है। यह डीडवाना से लगभग 20 किमी, कुचामन से 22 किमी, और सालासर से 60 किमी की दूरी पर है। मंदिर जयपुर-बीकानेर राजमार्ग के निकट होने से सड़क मार्ग द्वारा सुलभ है।

२. मौलासर बालाजी की विशेषता

धार्मिक विशेषता: मंदिर में भगवान हनुमान जी की स्वयंभू (स्वतः प्रकट), दक्षिणमुखी मूर्ति स्थापित है। दक्षिणमुखी हनुमान को विशेष रूप से शक्तिशाली और संकटमोचन माना जाता है। मान्यता है कि यहां दर्शन करने से भक्तों के कष्ट, रोग, और बाधाएं दूर होती हैं।

ऐतिहासिक महत्व: यह मंदिर मारवाड़ और शेखावाटी क्षेत्र के धार्मिक इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

इतिहास और संत परंपरा

मंदिर की स्थापना 1200 वर्ष से अधिक पुरानी मानी जाती है। कथा है कि एक भक्त को स्वप्न में हनुमान जी ने दर्शन देकर इस मूर्ति की स्थापना का आदेश दिया था। श्री बालाजी महाराज की सेवा में पूर्व में श्री मनोहरदास जी महाराज, श्री गोपाल दास जी महाराज, श्री लादूदास जी महाराज जैसे महान संत रहे हैं। वर्तमान में महंत श्री बंसीदास जी महाराज आसीन हैं।

दर्शन और उत्सव

दर्शन का समय

मंदिर प्रतिदिन सुबह 6:00 बजे से रात 10:00 बजे तक खुला रहता है।

आरती: मंगला आरती सुबह 5:30 बजे, संध्या आरती शाम 7:10 बजे, और शयन आरती रात 10:00 बजे होती है।

प्रमुख उत्सव और मेले

चैत्र पूर्णिमा (हनुमान जयंती) और आश्विन पूर्णिमा पर वार्षिक मेले लगते हैं, जिनमें हजारों श्रद्धालु आते हैं। प्रत्येक मंगलवार और शनिवार को विशेष भीड़ रहती है।